अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर SEBI ने कई बार कार्रवाई की है, और एक प्रमुख कारण उनकी कंपनियों के साथ जुड़े फंड की असंगतता और वित्तीय अनियमितताओं का होना था। एक महत्वपूर्ण मामला यह था कि SEBI ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों को “क्लिफहंगर” से संबंधित आरोपों में शामिल किया, जिसमें उन्होंने निवेशकों के साथ कथित धोखाधड़ी की थी।
SEBI ने यह भी पाया कि अनिल अंबानी की कंपनियों ने शेयर बाजार में फर्जी लेन-देन किए और निवेशकों को गलत जानकारी प्रदान की। इसके अतिरिक्त, इन कंपनियों द्वारा किसी समय बाजार के नियमों और विनियमों का उल्लंघन किया गया था।
इन मामलों की जांच के बाद, SEBI ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और उन्हें स्टॉक मार्केट्स से बैन कर दिया। यह कदम निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था।